मलिक अबू अबदेलकरीम आंतकवादी समूह, अल-कायदा इन दी लैंड्स ऑफ दी इस्लामिक मघरेब (AQIM) के भीतर ही लड़ाकूओं की एक टोली का एक वरिष्ठ नेता है। अबदेलकरीम की कमांड के तहत, उसकी टोली ने हथियार इकट्ठे किये और उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका में अपहरणों को अंजाम दिया और छोटे स्तर के आंतकवादी हमले किये हैं। अबदेलकरीम कथित तौर पर जुलाई 2010 में नाइज़र में एक अठहत्तर वर्षीय बुजुर्ग फ्रेंच बंधक को मारने के लिए जिम्मेदार था। जून 2010 में अबदेलकरीम की टोली द्वारा किये गये एक हमले के परिणामस्वरूप 11 अल्जीरियन पुलिस वालों की मौत हो गई।
अल-कायदा इन दी लैंड्स ऑफ दी इस्लामिक मघरेब (AQIM), पहले उपदेश और समाघात के लिए सलाफिस्ट ग्रुप (GSPC) के नाम से जाना जाने वाला, ने उत्तरी-पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र में दर्जनों आंतकवादी हमले किये हैं। AQIM ने आत्मघाती बम्बारी, पश्चिमी नागरिकों के अपहरण, हत्याओं और प्रयोगात्मक विस्फोटक डिवाइस हमलों के लिए जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। इस समूह ने दिसम्बर 2007 में दो समकालिक आत्मघाती संचालन किये, जिसमें एक युनाइटेड नेशंस कार्यक्रम के हेडक्वाटर्स और अल्जीरियन संवैधानिक परिषद पर हमले शामिल है, जिससे 42 लोग मारे गये और 158 अन्य घायल हो गये। AQIM ने जून 2009 में अमेरिकी नागरिक क्रिस्टोफ़र लैगेट की हत्या की जिम्मेदारी भी ली है, जो मॉरिटानिया में मिशनरी काम का आयोजन कर रहा था। सितम्बर 2012 में, AQIM ने सदस्यों को अमेरिकी दूतावासों पर हमले करने और अमेरिकी राजदूतों को मारने के लिए प्रोत्साहित किया। AQIM ने सितम्बर 2006 में अल-कायदा से अपने आधिकारिक गठबंधन का ऐलान कर दिया और तब से पश्चिमी लक्ष्यों पर हमले करने के अपने इरादों की पुनः पुष्टि की है।
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने GSPC को अप्रवासी और राष्ट्रीयता अधिनियम (जैसा संशोधित है) धारा 219 के तहत 27 मार्च 2002 को एक विदेशी आतंकवादी संगठन नामित किया है और 16 अक्तूबर 2009 को समूह के नये पदनाम AQIM के तहत नवीकृत किया है। अमेरिकी वित्त विभाग ने 21 फरवरी 2008 को कार्यकारी आदेश 13224 के तहत समूह को एक विशेष तौर पर नामित आंतकवादी संस्था के तौर पर नामित किया है।