हिजबल्लाह लेबनान स्थित आतंकवादी समूह है, जिसे ईरान से हथियार, प्रशिक्षण और धन मिलता है, जिसे सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (राज्य सचिव) ने 1984 में राज्य में आतंकी गतिविधियों का प्रायोजक (स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म) करार दिया था। हिजबल्लाह के पास एक बड़ा आतंकी नेटवर्क है और यह बड़े पैमाने पर हुए कई हमलों के लिए जिम्मेदार है। इसमें शामिल हैं: बेरुत के अमेरिकी दूतावास और यूएस मरीन कॉर्प्स बैरक पर 1983 में हुआ ट्रक बम-विस्फोट; 1985 में टीडबल्यूए उड़ान 847 का विमान अपहरण। 1992 में अर्जेंटीना में इजरायली दूतावास पर हुए हमले और 1994 में ब्यूनस आइरस में अर्जेंटाइन ज्यूइश म्युचुअल ऐड सोसायटी के बम विस्फोट में ईरान के साथ-साथ हिजबल्लाह का भी हाथ रहा है। वर्ष 2012 में हिजबल्लाह के आतंकियों ने बुल्गारिया में आत्मघाती बम-विस्फोट किया। कानून प्रवर्तन ने अजरबेजान, साइप्रस, मिस्र, कुवैत, नाइजीरिया, पेरू और थाईलैंड समेत कई देशों में हिजबल्लाह के आतंकी हमलों और योजना के प्रयास को नाकाम किया है।
8 अक्टूबर 1997 को अमेरिकी राज्य विभाग ने हिजबल्लाह को संशोधित प्रवास और राष्ट्रीयता अधिनियम के अनुच्छेद 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके बाद, 31 अक्टूबर 2001 को अमेरिकी राजकोष विभाग ने संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार हिजबल्लाह को विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी संगठन करार दिया। इस नामांकन के परिणामस्वरूप, अन्य परिणामों के साथ, हिजबल्लाह की सारी संपत्ति और संपत्ति से संबंधित हितों जो अमेरिकी न्यायाधिकार में आते हैं उन्हें अवरोधित कर दिया गया है, और अमेरिकी लोगों को सामान्य रूप से हिजबल्लाह के साथ किसी भी प्रकार के लेन—देन में शामिल होने से निषिद्ध किया गया है । इसके अलावा, हिजबल्लाह को जानबूझकर सामग्री सहायता या संसाधन प्रदान करना, या प्रदान करने का प्रयास करना या साजिश करना एक अपराध है।