लश्कर-ए-तोय्यबा (एलईटी), जिसे आर्मी ऑफ द राइटियस भी कहा जाता है, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह है, जिसका गठन 1980 के दशक में हुआ था। एलईटी ने 1993 के बाद से कई घटनाओं को अंजाम दिया, जिसमें भारतीय सेना तथा नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए कई हाई-प्रोफाइल हमले शामिल हैं। इस संगठन ने अफगानिस्तान में गठबंधन सेनाओं पर भी हमला किया। एलईटी भारत के मुम्बई में नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेवार था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे—जिसमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे—और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
26 दिसंबर 2001 को अमेरिकी राज्य विभाग ने एलईटी को संशोधित प्रवास और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके पहले, 20 दिसंबर 2001 को राज्य विभाग ने एलईटी को संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके परिणामस्वरूप, एलईटी की सारी संपत्ति और संपत्ति से संबंधित हितों जो अमेरिकी न्यायाधिकार में आते हैं उन्हें अवरोधित कर दिया गया है, और अमेरिकी लोगों को सामान्य रूप से एलईटी के साथ किसी भी प्रकार के लेन—देन में शामिल होने से निषिद्ध किया गया है । इसके अलावा, एलईटी को जानबूझकर सामग्री सहायता या संसाधन प्रदान करना, या प्रदान करने का प्रयास करना या साजिश करना एक अपराध है।