रिवार्ड्स फॉर जस्टिस मध्य पूर्व के शांति प्रयासों हेतु ईनाम के प्रस्ताव (हाइपरलिंक) के भाग के रूप में अहलम अहमद अल-तमीमी, जिसे “खालती” और “हालती” भी कहा जाता है, के बारे में सूचना देने पर $5 मिलियन के ईनाम की पेशकश कर रहा है।
9 अगस्त 2001 को अल-तमीमी ने एक बम और हमास के आत्मघाती हमलावर को भीड़ वाली जगह येरूशलम सबारो पिजेरिया भेजा, जहाँ हमलावर ने विस्फोट कर लिया। इस विस्फोट में 15 लोगों की जानें गई, जिसमें सात बच्चे थे। अमेरिकी जुदिथ शोशन ग्रीनबॉम, जो एक गर्भवती 31 वर्षीया स्कूल शिक्षिका थी और 15 वर्ष के मलका चाना रोथ भी मृतकों में शामिल थे। अन्य 120 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिसमें चार अमेरिकी भी शामिल थे। हमास ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी।
एफबीआई के अनुसार, टेलीविजन पत्रकार के रूप में काम कर रहे एक पूर्व छात्र अल-तमीमी ने हमास के मिलिट्री विंग इज्जेडाइन अल-क्वासम ब्रिगेड्स की तरफ से हमला करने का संकल्प लेकर हमलावर को लक्ष्य तक पहुँचाया। अल-तमीमी, जिसने सबारो हमले की योजना बनाई तथा इसे इंजीनियर किया, ने वह स्थान इसलिए चुना, क्योंकि वह एक व्यस्त रेस्तरां था। संदेह कम हो, इसलिए उसने और आत्मघाती हमलावर ने इजराइली नागरिकों जैसे कपड़े पहने थे और बम वही अपने साथ, एक गिटार केस में छिपाकर वेस्ट बैंक टाउन से येरुशलम ले गई थी। अल-तमीमी ने स्वीकार किया किया कि उसने हमला से पहले परीक्षण के तौर पर येरुशलम के एक ग्रोसरी स्टोर में एक छोटा सा इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस विस्फोट किया था।
2003 में अल-तमीमी को इजरायली कोर्ट में हमले में भागीदारी का दोषी पाया गया और हमलावर की मदद करने के लिए इजरायल में 16 उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अक्टूबर 2011 में वह हमास और इजरायल के बीच कैदियों के आदान-प्रदान के क्रम में जेल से छूटी। 14 मार्च 2017 को यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एक आपराधिक शिकायत की फाइल खोली और अल-तमीमी के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। एफबीआई ने अल-तमीमी को अपने मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में भी जोड़ा।