अल-शबाब अल-कायदा (एक्यू) का अधीनस्थ संगठन है और अल-कायदा के दूसरे अधीनस्थ संगठनों से इसका गठबंधन है, जिसमें एक्यू इन द अरैबियन पेनिनसुला और एक्यू इन द इस्लामिक मगरिब शामिल हैं। अल-शबाब पूर्ववर्ती सोमाली इस्लामिक कोर्ट काउंसिल की उग्रवादी शाखा थी, जिसने 2006 के उत्तरार्ध में दक्षिणी सोमालिया के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था। 2006 के अंत से अल-शबाब और संबंधित आतंकवादी हिंसक घुसपैठ कर रहे हैं, जिसमें वे सोमालिया की अस्थिर सरकार के विरुद्ध गोरिल्ला युद्धशैली और आतंकवादी तरीकों का उपयोग कर रहे हैं।
अल-शबाब ने सोमालिया, केन्या, यूगांडा और जिबूती में हमले किए हैं। अल-शबाब कम्पाला में 11 जुलाई 2010 को हुए आत्मघाती बम-विस्फोट के लिए जिम्मेदार था। वर्ल्ड कप के दौरान हुए हमले में 76 लोग मारे गए थे, जिसमें अमेरिका के नागरिक भी शामिल थे। सितंबर 2013 में, अल-शबाब ने नैरोबी के वेस्टगेट मॉल पर उल्लेखनीय आतंकवादी हमला किया। कई दिनों तक वहाँ उन्होंने लोगों को बंधक बनाए रखा, जिससे कम से कम 65 नागरिकों और 6 जवानों व पुलिस अधिकारियों की मृत्यु हो गई, इसके अलावा सैकड़ों अन्य लोग घायल हुए। अप्रैल 2015 में, अल-शबाब ने छोटे आग्नेयास्त्रों और ग्रेनेड से केन्या के गरिसा यूनिवर्सिटी कॉलेज पर धावा बोला, जिसमें 148 लोग मारे गए।
18 मार्च 2008 को अमेरिकी राज्य विभाग ने अल-शबाब को संशोधित प्रवास और राष्ट्रीयता अधिनियम के अनुच्छेद 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके बाद, 19 मार्च 2008 को संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार अल-शबाब को विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी संगठन करार दिया था। इस नामांकन के परिणामस्वरूप, अन्य परिणामों के साथ, अल-शबाब की सारी संपत्ति और संपत्ति से संबंधित हितों जो अमेरिकी न्यायाधिकार में आते हैं उन्हें अवरोधित कर दिया गया है, और अमेरिकी लोगों को सामान्य रूप से अल-शबाब के साथ किसी भी प्रकार के लेन—देन में शामिल होने से निषिद्ध किया गया है । इसके अलावा, अल-शबाब को जानबूझकर सामग्री सहायता या संसाधन प्रदान करना, या प्रदान करने का प्रयास करना या साजिश करना एक अपराध है।