अल-नुसरा फ्रंट (एएनएफ) का गठन 2011 में तब हुआ, जब तात्कालीन अल कायदा इन इराक (एक्यूआई) के नेता अबु बकर अल-बगदादी ने एएनएफ के नेता मुहम्मद अल-जवलानी को आतंकवादी प्रकोष्ठों के गठन के लिए सीरिया भेजा। अप्रैल 2013 में अल-जवलानी ने एक्यू नेता अयमान अल-जवाहिरी से गठबंधन किया। एएनएफ एक्यूआई से टूटकर अलग हुआ और एक स्वतंत्र इकाई बना। जनवरी 2017 में एएनएफ कई अन्य कट्टरपंथी विरोधी समूहों से विलय कर हयात ताहिर अल-शाम (एचटीएस) बन गया। एएनएफ सीरिया में अल-कायदा का सहयोगी बना रहा।
एएनएफ का कथित लक्ष्य सीरिया से असद को सत्ता से हटाना और इसे सुन्नी इस्लामिक राज्य में रूपांतरित करना था। एएनएफ ने उत्तर-पश्चिम सीरिया पर ध्यान केंद्रित किया और यहाँ के एक प्रांत के एक हिस्से पर उसका नियंत्रण स्थापित हो गया, जहाँ यह विरोधी बल के रूप में सक्रिय है और स्थानीय शासन तथा बाहरी दखलंदाजी पर बहुत तरह से प्रभाव डालता है। एएनएफ ने पूरे सीरिया में कई आतंकवादी हमले किए हैं, जिनमें अक्सर नागरिकों को निशाना बनाया गया है।
15 मई 2014 को यू.एस. राज्य विभाग ने एएनएफ को संशोधित प्रवास और राष्ट्रीयता अधिनियम के अनुच्छेद 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके पहले 14 मई 2014 को राज्य विभाग ने कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार एएनएफ को विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी संगठन करार दिया था। इस नामांकन के परिणामस्वरूप, अन्य परिणामों के साथ, एएनएफ की सारी संपत्ति और संपत्ति से संबंधित हितों जो अमेरिकी न्यायाधिकार में आते हैं उन्हें अवरोधित कर दिया गया है, और अमेरिकी लोगों को सामान्य रूप से एएनएफ के साथ किसी भी प्रकार के लेन—देन में शामिल होने से निषिद्ध किया गया है । इसके अलावा, एएनएफ को जानबूझकर सामग्री सहायता या संसाधन प्रदान प्रदान करना, या करने का प्रयास करना या साजिश करना एक अपराध है।