मूल रूप से उपदेश और संघर्ष के लिए सलाफी समूह के रूप में जाना जाने वाला, अल-कायदा (जीएसपीसी) इन द इस्लामिक मगरिब (एक्यूआईएम) 2006 में अल-कायदा से गठबंधन के बाद अस्तित्व में आया। हालांकि एक्यूआईएम अधिकांशतः साहेल में स्थानीय रूप से सक्रिय आतंकवादी समूह बना रहा, लेकिन इसने पश्चिम-विरोधी व्याख्यान और विचारों को स्वीकार किया।
एक्यूआईएम आतंकवादी गतिविधियों को नियमित रूप से अंजाम देता रहा, जिसमें आत्मघाती बम-विस्फोट, नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए नरसंहार, फिरौती के लिए अपहरण आदि शामिल थे। एक्यूआईएम द्वारा 2007 में अल्जीयर्स में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय की इमारत तथा एक अल्जीरियाई सरकारी इमारत पर बमबारी की गई, जिसमें 60 लोग मारे गए। जनवरी 2016 में एक्यूआईएम ने बुर्किना फासो के एक होटल पर हमला किया, जिसमें 28 लोग मारे गए और 56 घायल हुए। मार्च 2016 में एक्यूआईएम ने कोटा डिल्वोई में एक समुद्र-तटीय रिजॉर्ट पर हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 16 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई और 33 अन्य घायल हुए। जनवरी 2017 में एक्यूआईएम ने आत्मघाती हमला किया, जिससे माली के गाओ में 50 से अधिक लोग मारे गए।
27 मार्च 2002 को अमेरिकी राज्य विभाग ने एक्यूआईएम को संशोधित प्रवास और राष्ट्रीयता अधिनियम के अनुच्छेद 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके पहले 23 सितंबर 2001 को संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार एक्यूआईएम को विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी संगठन करार दिया था। इस नामांकन के परिणामस्वरूप, अन्य परिणामों के साथ, एक्यूआईएम की सारी संपत्ति और संपत्ति सं संबंधित हितों जो अमेरिकी न्यायाधिकार में आते हैं उन्हें अवरोधित कर दिया गया है, और अमेरिकी लोगों को सामान्य रूप से एक्यूआईएम के साथ किसी भी प्रकार के लेन—देन में शामिल होने से निषिद्ध किया गया है । इसके अलावा, एक्यूआईएम को जानबूझकर सामग्री सहायता या संसाधन प्रदान करना, या प्रदान करने का प्रयास करना या साजिश करना एक अपराध है।