अल-कायदा इन द अरैबियन पेनिनसुला (एक्यूएपी) यमन में स्थित एक चरमपंथी समूह है, जो 2009 में यमन और सऊदी आतंकवादी तत्वों के एकीकरण के बाद सामने आया। एक्यूएपी ने अरैबियन पेनिनसुला तथा वृहत्तर मध्य-एशियाई क्षेत्र पर खलीफा के शासन की स्थापना तथा शरिया कानून लागू करने सहित अपने लक्ष्य निर्धारित किए। एक्यूएपी ने अरबी प्रायद्वीप तथा विदेशों में स्थानीय, अमेरिकी और पश्चिमी हितों को निशाना बनाया। इस समूह ने कई आतंकवादी गतिविधियों की जिम्मेदारी ली, जिसमें जनवरी 2015 में पैरिस में व्यंग्यात्मक समाचारपत्र चार्ली हेब्दो के कार्यालय पर हुआ हमला शामिल था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे।
एक्यूएपी एक्यू का अधीनस्थ संगठन है और एक्यूएपी अमीर एक्यू के नेताओं से घनिष्ठ संपर्क में रहकर आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाते हैं। एक्यूएपी के हमलावर अल-असीरी ने 2012 के क्रिसमस के दिन एयरलाइन पर अंडरवियर बम ले जाने की योजना बनाई और कूरियर के द्वारा अमेरिका में प्रिंटर बम भेजा।
19 जनवरी 2010 को अमेरिकी राज्य विभाग ने एक्यूएपी को संशोधित प्रवास और राष्ट्रीयता अधिनियम के अनुच्छेद 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी संगठन करार दिया था। इस नामांकन के परिणामस्वरूप, अन्य परिणामों के साथ, एक्यूएपी की सारी संपत्ति और संपत्ति से संबंधित हितों जो अमेरिकी न्यायाधिकार में आते हैं उन्हें अवरोधित कर दिया गया है, और अमेरिकी लोगों को सामान्य रूप से एक्यूएपी के साथ किसी भी प्रकार के लेन—देन में शामिल होने से निषिद्ध किया गया है । इसके अलावा, एक्यूएपी को जानबूझकर सामग्री सहायता या संसाधन प्रदान करना, या प्रदान करने का प्रयास करना या साजिश करना एक अपराध है।